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सिद्धार्थ आनंद ने गोद लिया था मानसिक रूप से बीमार महिला का बच्चा, अब मां ठीक, लेकिन वे बच्चा नहीं लौटा रहे

'सलाम नमस्ते', 'अनजाना अनजानी' और 'वॉर' जैसी फिल्मों के डायरेक्टर सिद्धार्थ आनंद और उनके परिवार ने पिछले साल एक बच्चा गोद लिया था, जिसके चलते वे विवादों में घिर गए हैं। दरअसल, जिस संस्था से सिद्धार्थ ने बच्चा अडॉप्ट किया है, अब उसने डायरेक्टर को बच्चा उसकी बायोलॉजिकल मां को लौटाने के लिए कहा है। लेकिन आनंद परिवार बच्चे से भावनात्मक रूप से इस कदर जुड़ गया है कि वह उसे लौटाना नहीं चाहता।

पिछले साल सितंबर में शुरू हुई यह कहानी

बॉलीवुड हंगामा की रिपोर्ट के मुताबिक, यह कहानी पिछले साल 17 सितंबर को तब शुरू हुई, जब बोरीवली रेलवे स्टेशन पुलिस को मानसिक रूप से बीमार एक 30 साल की महिला मिली। यह महिला बोरीवली पुलिस स्टेशन पर बच्चे को दूध पिला रही थी। ध्यान से देखने पर पुलिस को बच्चे के हाथ और बाकी शरीर पर काटने के निशान दिए।

इसके अलावा पुलिस ने पाया कि बच्चे को शारीरिक प्रताड़ना दी गई है, उसे टॉर्चर किया गया है। बिना वक्त गंवाए पुलिस ने बच्चा मुंबई की चाइल्ड वेलफेयर कमिटी (CWC) को सौंप दिया। दूसरी ओर महिला को इलाज के लिए करजत में श्रद्धा रिहैबिलिटेशन फाउंडेशन भेज दिया गया।

सिद्धार्थ आनंद तक कैसे पहुंचा बच्चा?

CWC ने बच्चे को किसी को गोद दिलाने के लिए फैमिली सर्विस (FSC) सेंटर की मदद ली। इस तरह सिद्धार्थ और उनके परिवार ने बच्चा गोद ले लिया और जल्दी ही वे उसके साथ इमोशनली जुड़ गए।

महिला ठीक हुई तो बच्चे के लिए तड़प उठी

इस बीच FSC ने श्रद्धा रिहैबिलिटेशन फाउंडेशन ने बच्चे की मां की हालत के बारे में पूछा। वहां से पता चला कि महिला शारीरिक और मानसिक रूप से रिकवरी के संकेत दे रही है। रिपोर्ट के आधार पर रिहैबिलिटेशन फाउंडेशन की अथॉरिटीज ने FSC को साइकैट्रिस्ट फिटनेस सर्टिफिकेट और मेडिकल फिटनेस सर्टिफिकेट दे दिया।

रिहैबिलिटेशन अथॉरिटीज ने यह भी कहा कि महिला अपने बच्चे के लिए तड़पने लगी है। इसलिए FSC उसका बच्चा वापस उसे सौंप दे। CWC ने महिला और बच्चे के DNA टेस्ट के लिए कहा था, जो जे. जे. हॉस्पिटल में हो चुका है और इससे पुष्टि हुई है कि महिला ही बच्चे की बायोलॉजिकल मां है।

बच्चा गया, फिर सिद्धार्थ के पास वापस लौटा

1 दिसंबर को CWC की सुनवाई में सिद्धार्थ आनंद वकील के अलावा एक लोकल पॉलिटिशियन और एक पत्रकार के साथ थे। हालांकि, उन्हें सूचित कर दिया गया था कि मां को अपने बच्चे को पाने का पूरा अधिकार था, क्योंकि वह पूरी तरह ठीक हो चुकी है।

CWC पुलिस को आदेश दिया कि वे बच्चे को सिद्धार्थ आनंद और उनके परिवार से अलग करें और उसे एक सरकारी अनाथालय (आशा सदन) को सौंप दें। हालांकि, उसी रात कथिततौर पर पुलिस आशा सदन पहुंची और बच्चे को कब्जे में लेकर वापस सिद्धार्थ के परिवार को सौंप दिया।"

मां को अब भी अपने बच्चे से मिलने का इंतजार

ताजा हालात ये हैं कि बच्चा अभी भी सिद्धार्थ आनंद और उनके परिवार के साथ है। वे उससे भावनात्मक रूप से जुड़ चुके हैं और उसे अपने पास रखने के लिए लंबी लड़ाई लड़ने को भी तैयार हैं।

दूसरी ओर श्रद्धा रिहैबिलिटेशन फाउंडेशन के अधिकारी हर दिन यह उम्मीद कर कर रहे हैं कि बच्चे को उसकी मां को सौंप दिया जाए, जो कि लगातार सिर्फ अपने बच्चे के बारे में ही पूछ रही है। हालांकि, बार-बार कॉल और मैसेजेज के बाद भी सिद्धार्थ के परिवार की ओर से कोई जवाब नहीं दिया जा रहा। बता दें कि सिद्धार्थ की शादी ममता भाटिया से हुई है और वे एक बेटे रणवीर के पिता हैं।



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Director Siddharth Anand engulfed in controversy due to adopted child


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