करीना कपूर और करिश्मा कपूर के पिता रणधीर कपूर अपनी शादीशुदा जिंदगी को लेकर चर्चा में रहते हैं। रणधीर ने बॉलीवुड अभिनेत्री बबीता से 1971 में शादी की थी। शादी के बाद दोनों की नहीं बनी और ये अलग-अलग रहने लगे। हालांकि इन्होंने कभी तलाक नहीं लिया और बच्चों की परवरिश से लेकर हर जिम्मेदारी निभाते वक्त एक-दूसरे का साथ दिया। रणधीर का एक पुराना इंटरव्यू सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें उन्होंने बबीता से अपने रिश्तों पर खुलकर बात की थी।
बबीता को पसंद नहीं थीं रणधीर की आदतें
3 साल पहले हिंदुस्तान टाइम्स को दिए एक इंटरव्यू में रणधीर ने कहा था, उन्हें (बबिता) को मालूम चला कि मैं एक बुरा आदमी हूं जो खूब शराब पीता है और घर लेट आता है, यह सब ऐसी बातें थीं जो उन्हें पसंद नहीं थीं। मैं भी वैसे नहीं रहना चाहता था जैसे कि वो चाहती थीं और वो मुझे वैसे कबूल नहीं करना चाहती थीं जैसा कि मैं था, भले ही हमारी लव मैरिज थी। हमारे पास देखरेख के लिए दो प्यारे बच्चे थे। बबीता ने उनकी परवरिश बेहतरीन ढंग से की और बड़े होकर बच्चों ने अपने करियर कमाल तरीके से स्थापित किए। एक पिता के तौर पर मुझे और क्या चाहिए था?
रणधीर ने आगे कहा था कि बबीता उनकी जिंदगी का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। दोनों ने अलग रहने की राहें चुनीं लेकिन वो एक-दूसरे के दुश्मन नहीं हैं। रणधीर और बबीता को परिवार के सभी कार्यक्रमों जैसे शादी, फैमिली डिनर आदि पर एक-साथ ही स्पॉट किया जाता है। रणधीर ने कहा कि भले ही वो दोनों अलग रहते हैं लेकिन इससे उनके रिश्ते पर कोई असर नहीं पड़ा है।
क्यों नहीं लिया तलाक?
जब रणधीर से इंटरव्यू में पूछा गया कि उन्होंने बबीता से तलाक क्यों नहीं लिया तो उन्होंने कहा, तलाक किस लिए? हम तलाक क्यों लेंगे? मुझे दोबारा शादी करनी नहीं थी और ना ही उन्हें। रणधीर और बबीता ने 1971 में आई फिल्म ‘कल आज कल’ में साथ काम किया था। इसके बाद दोनों 1972 में आई फिल्म ‘जीत’ में साथ नजर आए थे। शादी के बाद बबीता ने अपने एक्टिंग करियर को हमेशा-हमेशा के लिए छोड़ दिया था।
करीना ने दिया था रिएक्शन
पिछले दिनों हिंदुस्तान टाइम्स को दिए एक इंटरव्यू में करीना कपूर ने भी अपने पेरेंट्स के अलग रहने पर खुलकर बात की थी। उन्होंने कहा था, ‘मैं और करिश्मा बहुत छोटी सी उम्र में ही ये समझ चुके थे कि बिन साथ रहे भी रिश्ते अच्छे तरीके से निभाए जा सकते हैं। हमारे पेरेंट्स भले ही साथ ना रहें लेकिन जब भी उन्हें कहीं साथ मौजूद होना होता है तो वो मौजूद हो जाते हैं। मेरे पेरेंट्स प्यारा रिलेशनशिप शेयर करते हैं, लेकिन दो लोग जब ये समझ जाते हैं कि कई बार जिंदगी जैसी प्लान करो वैसी नहीं चलती तो अलग रहने में कोई हर्ज नहीं है।’
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